सीधे या परोक्ष रूप से रतिज रोग या पागलपन की वजह से
3.
हृदय और रक्तपरिसंचरण संबंधी रोग तथा रक्तातिदाब (हाई ब्लड प्रेशर), रक्त संबंधी अन्वेषण, यकृतराग चिकित्सा, विसूचिका, कुष्ठ, मलेरिया तथा ऐं्थ्राोपॉएडों के अन्य रोग, ट्यूकर्क्युलोसिस (यक्ष्मा), रतिज रोग, बुद्धिमाप की विधियाँ, पोषणसर्वेक्षण, भारतीय जनता की शारीरिक, प्रामाणिक मापनाएँ (norm) और मेडिकल कालेजों में हुए चिकित्सा तथा शरीर क्रिया संबंधी अन्वेषणों के आँकड़े एकत्र करना।
4.
विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल फेंकने की असीम शक्ति के कारण हरा रंग छूत या संक्रामक रोगों (खसरा, चेचक, टाइफाइड, मियादी बुखार) सूखी खाँसी, खुले घाव, नासूर, दाद, बहता एक्जिमा, रतिज रोग, सूजाक, गरमी, उपदंश, शोथ, शरीर के किसी भाग में पीप पड़ने की अवस्था (सेप्टिक होने पर) पथरी, उच्च रक्तचाप, मिर्गी, हिस्टीरिया, मरोड़वाली पेचिश, संग्रहणी, मुँह के छालों को दूर करता है ।